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Wheat Varieties November : गेहूं की इन वेरायटी कई करें बुवाई, उत्पादन होगा रिकार्ड तोड़, जानें इनकी खासियत

नवम्बर में गेहूं की बुवाई से अधिक उत्पादन पाने के लिए इन 5 उन्नत किस्मों का चयन करें। जानें उनकी खासियत और सही बुवाई समय के बारे में, जिससे आपको मिले बंपर पैदावार।

Wheat Varieties November : गेहूं की इन वेरायटी कई करें बुवाई, उत्पादन होगा रिकार्ड तोड़, जानें इनकी खासियत

खेत तक, नई दिल्ली, 14, नवंबर, रबी सीजन में गेहूं की बुवाई के लिए नवम्बर का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित उन्नत गेहूं की किस्में किसानों के लिए बंपर पैदावार का सपना सच कर सकती हैं। ये किस्में न केवल अधिक उत्पादन देती हैं, बल्कि बदलते मौसम की चुनौती से भी निपटने की क्षमता रखती हैं। यदि किसान सही समय पर सही किस्में चुनते हैं, तो उनका उत्पादन बढ़ सकता है और वे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से भी बच सकते हैं।

5 गेहूं की किस्में जो देंगी बंपर पैदावार
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित गेहूं की किस्में देशभर में किसानों को अधिक पैदावार प्राप्त करने में मदद कर रही हैं। यदि किसान नवम्बर में इन किस्मों की बुवाई करते हैं, तो उन्हें अधिकतम उपज मिल सकती है। जानिए इन उन्नत किस्मों की खासियत:

किस्म का नामबुआई का उपयुक्त समयउत्पादन क्षमता (क्विंटल/एकड़)विशेषताएं
एचडी 3226 (पूसा यशस्वी)5 से 25 नवम्बर30-32रोग प्रतिरोधी, खासकर जंग और फंगस के लिए।
डीबीडब्ल्यू 187 (करण वंदना)1 से 15 नवम्बर25पत्तों के झुलसने के प्रति प्रतिरोधी।
एचडी 29671 से 15 नवम्बर22-23पीले रतुआ रोग के प्रति प्रतिरोधी।
एचडी 3086 (पूसा गौतमी)5 से 25 नवम्बर22-23पीले और भूरे रतुआ रोग से सुरक्षित।
एचडी सीएसडब्ल्यू 1815 नवम्बर तक25-26उच्च तापमान और हीट वेव के प्रति प्रतिरोधी।

उन्नत किस्मों का चयन और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
किसान चाहे किसी भी क्षेत्र से हों, उपयुक्त किस्मों का चयन करने से न केवल पैदावार बढ़ती है, बल्कि रोगों से भी सुरक्षा मिलती है। उदाहरण के लिए, एचडी 3226 (पूसा यशस्वी) किस्म पीले, भूरे और काले जंग जैसे रोगों के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है और इसके परिणामस्वरूप प्रति एकड़ 30-32 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है।

डीबीडब्ल्यू 187 (करण वंदना) किस्म उत्तर-पूर्वी भारत के लिए उपयुक्त है, जो पत्तों के झुलसने जैसी बीमारियों से बचाती है। इसकी औसत ऊंचाई 100 सेंटीमीटर होती है और यह 77 दिनों में फूल देती है।

सिंचाई, उर्वरक और देखभाल के टिप्स
सही बुवाई समय और उर्वरक का चयन फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उपयुक्त समय पर बुवाई और सही उर्वरक जैसे डीएपी और यूरिया का इस्तेमाल करने से गेहूं की उपज में वृद्धि हो सकती है। विशेष रूप से, एचडी सीएसडब्ल्यू 18 किस्म उच्च तापमान और हीट वेव जैसी स्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन करती है, और इसका उत्पादन 25-26 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो सकता है।

नवम्बर में बुवाई के फायदे
नवम्बर में बुवाई करने से किसानों को उपयुक्त मौसम और तापमान मिलते हैं, जिससे फसल की वृद्धि बेहतर होती है। यह समय गेहूं की अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए आदर्श माना जाता है। इसके अलावा, इन उन्नत किस्मों को अपनाकर किसान बदलते मौसम से बच सकते हैं और अधिक लाभ कमा सकते हैं।

इन गेहूं की किस्मों को अपनाकर किसान न केवल अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना भी कर सकते हैं। अगर आप भी इन किस्मों को अपनाते हैं, तो आप निश्चित रूप से बंपर पैदावार पा सकते हैं।

Sandeep Verma

नमस्ते, मैं संदीप कुमार । मैं 10 साल से लगातार पत्रकारिता कर रहा हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेत तक जुड़ी हर खबरें बताने का प्रयास करूँगा । मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर तकनीक और योजनाओ का लाभ प्राप्त कर सकें। ताजा खबरों के लिए आप खेत तक के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद

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